*कोन्दाडांगर में शहीद बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई*
आदिवासी समाज ने महान स्वतंत्रता सेनानी और जननायक बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया। कार्यक्रम का आयोजन कोन्दाडोंगर में किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय आदिवासी नेता उपस्थित रहे, जिनके साथ मैनपुर एसडीओपी श्री बाजीलाल सिंह ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम की शुरुआत बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई और माता कुलेश्वरियन की पूजा और स्तुति के बाद आदिवासी संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए गए। आयोजन स्थल पर बिरसा मुंडा के योगदान पर एक संवाद सत्र भी हुआ, जिसमें वक्ताओं ने उनके जीवन, संघर्ष और आदिवासी समाज के उत्थान में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि लोकेंद्र कमरर्रा और लोकेश्वरी नेतामने अपने संबोधन में कहा, "बिरसा मुंडा न केवल आदिवासी समाज के, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणा हैं। उनके संघर्ष और बलिदान से हमें सिखने की जरूरत है।" विशेष अतिथि , एसडीओपी श्री बाजीलाल सिंह ने अपने वक्तव्य में बिरसा मुंडा की विचारधारा को आज की पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह जयंती हमारे लिए अपने महान पूर्वजों के योगदान को याद करने और उनके सपनों को साकार करने का अवसर है। कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलने और उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प लिया। आयोजन को सफल बनाने में स्थानीय संगठनों और समाजसेवियों की अहम भूमिका रहा ।