अवैध कारोबार पर कोई कार्यवाही नहीं इसके चलते जच्चा बच्चा की हुई मौत स्वास्थ विभाग को पूरी जानकारी परंतु हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं शिकायत करने पर भी छोलाछाप पर कोई कार्यवाही नहीं
गरियाबंद के देवभोग में ओडिसा सीमा के एक गांव में लंबे समय से चूपचाप अवैध क्लिनिक चलाए जा रहे हैं लापरवाही से जच्चा बच्चा की मौत का मामला सामने आया था। डूमाघाट की आदिवासी महिला योगेंद्री बाई को पति पदमन नेताम शुक्रवार की रात उड़ीसा सीमा से लगे अवैध क्लिनिक प्रसव कराने पहुंचे ,बगैर किसी पंजीयन के क्लिनिक चलाने वाले झोला छाप ने 4 घंटे रोके रखा । इस बीच बगैर संसाधनों के जच्चा को निकालने का प्रयास किया, जच्चा बच्चा अधमरा हो गए तो उन्हें ओडिसा के एक निजी अस्पताल भेज दिया गया जहां उनकी मौत हो गई। मामला सामने आने के बाद इसे स्थानीय प्रशासन लीपा पोती में लग गया था। लापरवाही से हुई मौत के बाद आदिवासी समाज आक्रोशित है। अमलीपदर_जच्चा बच्चा मौत के मामले की जांच करने छ सदस्यीय टीम गठित। आदिवासी विकास परिषद ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप मांगा पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख रुपए मुआवजा। डूमाघाट निवासी योगेंदी के प्रसव पीड़ा के दरम्यान मौत के मामले की जांच के लिए सीएमएचओ गार्गी यदु ने 6 सदस्य जांच दल गठित किया है। जिन्हें मामले की जांच कर जल्द रिपोर्ट सौंपने कहा है। दल में डॉक्टर अंकुश वर्मा, डॉ हरीश चौहान, डा सुनील रेड्डी, डा प्रकाश साहु के अलावा योगेन्द्र रघुवंशी और सोमेश्वर ठाकुर को टीम में शामिल किया गया है। कार्यवाही की मांग जिसमें जच्चा बच्चा मामले की जांच करने, क्लिनिक सिल, दोषियों के खिलाफ पुलिसिया कार्यवाही के अलावा पीड़ित परिवार के लिए 50 लाख मुआवजा की मांग किया है। मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी भी आदिवासी नेताओं के द्वारा दिया है। पुलिस ने कहा _खबर का संज्ञान लेने आज जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीओपी विकास पाटले अपनी टीम के साथ पीड़ित परिजन के घर पहुंचे थे।पुलिस ने पीड़ित परिवार से मामले की जानकारी जुटाई। एसडीओपी पाटले ने बताया कि पीड़ित परिवार ने किसी पर दोष नहीं मढ रहे । ना ही कोई कार्यवाही चाहते हैं। मामले में जांच जारी है। आदिवासी परिवार को दबाव बना रहे दोषी_मामले में लोकेश्वरी नेताम ने कहा प्रशासन स्वास्थ्य सुविधा दिलाने में नाकाम है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र की पीड़िता पहली बार मां बनने जा रही थी। लेकिन वह लापरवाही की शिकार हो गई। स्वास्थ्य सुविधा में कमी के कारण ही भोलेभाले आदिवासी झोलाछाप के चंगुल में फंस कर अपनी जान गवा रहे हैं। इन झोलाछाप लोगो को अपने करतूत से बचने का सारा उपाय भी पता रहता है। पीड़ित परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है।लेकिन हम उसके साथ अन्याय नहीं होने देंगे।पीड़ित परिवार को उसका हक और न्याय दिला कर रहेंगे प्रशासन अवैध नर्सिंग होम पर मेहरबान है इसलिए जिला मुख्यालय में भी अवैध रूप से चल रहा है पर कोई कार्यवाही नहीं।