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जातिसूचक गाली और मारपीट के आरोपी दोनों मिश्रा भाई गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर हथकड़ी लगी तस्वीरें वायरल

संभाग ब्यूरो राजेश जगत कि रिपोर्ट अपने ही "चकना सेंटर" में ग्राहक के साथ की गई मारपीट और जातिसूचक गाली-गलौज का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़ित डिगने नागेश (उम्र 26 वर्ष), निवासी(अमलीपदर), ने थाना में शिकायत दर्ज कराई कि प्रतीक मिश्रा और उसका भाई मयंक मिश्रा ने उसे दुकान पर जूता-चप्पल से पीटा और जातिसूचक अपशब्दों का प्रयोग किया। मामला पहले थाने में दर्ज किया गया और फिर अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SC/ST Act) के तहत अजाक थाना में स्थानांतरित किया गया। FIR अपराध क्रमांक 65/2024 के तहत धारा 296, 115(2), 351(2) BNS व SC/ST Act की धारा 3(5), 3(2)(ध), 3(2)(v) के तहत केस दर्ज हुआ। गंभीर धाराओं के तहत गिरफ्तारी गंभीर धाराओं में नामजद होने के बाद, शुक्रवार को आरोपी प्रतीक मिश्रा और मयंक मिश्रा ने अजाक थाना में सरेंडर किया। पुलिस ने औपचारिक गिरफ्तारी के बाद उन्हें विशेष न्यायालय रायपुर में पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेजते हुए सेंट्रल जेल दाखिला किया गया। हथकड़ी लगे भाइयों की तस्वीरें वायरल गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा हथकड़ी लगाकर ले जाए जा रहे दोनों भाइयों की तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। फेसबुक और व्हाट्सएप पर इनकी चर्चा लोगों के बीच आक्रोश का कारण बन रही है। सवाल यह उठता है_ क्या दुकान जैसे सार्वजनिक स्थान पर जातिसूचक गाली और हिंसा को हल्के में लिया जा सकता है? क्या अब भी समाज के कुछ वर्ग खुद को कानून से ऊपर समझते हैं? यदि पीड़ित शिकायत नहीं करता तो क्या यह मामला यूँ ही दबा रहता? प्रशासन के लिए परीक्षा यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि आज भी जातिवाद जड़ से मिटा नहीं है। ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित कार्यवाही ही समाज में भरोसा बहाल कर सकती है।

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