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राजापड़ाव क्षेत्र के अधूरा स्कूल भवन को पूर्ण कराने क्षेत्रवासी करेंगे आंदोलन

मैनपुर विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापडा़व क्षेत्र के ग्राम भूतबेड़ा में पंचायत क्षेत्र के ग्रामीणो का बैठक बाजार चौक में 20 जुलाई रविवार को संपन्न हुआ जहां पर सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण शामिल होकर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अब थक हारकर अधूरा स्कूल भवन को पूरा कराने के लिए अगस्त के प्रथम सप्ताह में आंदोलन का रुख अख्तियार करेंगे जिसकी जिम्मेदारी और जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। युवाओं की टीम आंदोलन के तैयारी को लेकर मुस्तैदी के साथ काम भी कर रहे हैं। गरियाबंद जिला के अंतिम छोर और उड़ीसा सीमा से लगे राजापडा़व क्षेत्र के गाँवो मे स्कूल जतन योजना के तहत ठेकेदार के द्वारा नवीन स्कूल भवन निर्माण किया जा रहा था जिसे महीनो से बंद कर दिए जाने के कारण आधा अधूरा पडा़ हुआ है। जिसके कारण इस सत्र में भी स्कूली बच्चों को झोपड़ी नुमा खंडहर मकान, दूसरे के घर, पेड़ के नीचे में पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। इससे कैसे शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा लाख जतन कर लेने के बाद भी अगर बच्चों को बैठने के लिए व्यवस्थित स्कूल भवन नहीं मिल पाएगा तो कैसे उम्मीद करें बच्चों का भविष्य स्वर्णिम होगा,,, और तो और जिन स्कूल भवनों को ठेकेदार के द्वारा पूर्ण किया गया है उसका हाल और भी अजूबा है सामने चकाचक पीछे भयंकर गड़बड़ी स्कूल जतन योजना के अंतर्गत स्कूल भवन निर्माण को आधा अधूरा छोड़कर ठेकेदार के द्वारा काम बंद कर दिया जाना मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया जाना इसके अलावा जो काम हुआ है प्राथमिक शाला गरीबा का हाल ही बेहाल है। सामने चकाचक पीछे दीवाल का पूरा ईट ही दिख रहा है। व्यवस्था सुधारने के लिए जिला के कलेक्टर को माँग की गई है। समय सीमा के अंतर्गत अधूरा पड़े स्कूल भवन को पूर्ण नही कराये जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। अब सवाल उठता है।वनांचल क्षेत्र के सरकारी नया स्कूल भवन निर्माण मे कितने महीना का समय सीमा लगना चाहिए।1 से 7 महीना या फिर वर्षों नया सत्र भी चालू हो गया है। जर्जर स्कूलों में पढ़ने वाले आदिवासी मूलनिवासी बच्चों के लिए बनने वाली सरकारी स्कूल भवन के निर्माण में देरी क्यों हो रहा है। कहां पर सिस्टम फेल है या फिर जानबूझकर देरी किया जा रहा है। इस पर शिकंजा कसने वाला कौन है। इधर नया स्कूल भवन निर्माण में लगे मिस्त्री और मजदूरों का कहना है ठेकेदार के द्वारा महीनो से मजदूरी नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार के द्वारा मजदूरों को मेहंताना क्यों नहीं दिया जा रहा है। शासन से राशि जारी हुआ है कि नहीं कहां पर गड़बड़ी है इसका ईमानदारी के साथ जिम्मेदारों के द्वारा जांच पड़ताल करते हुए सुदूर वारांचल क्षेत्र के नवीन स्कूल भवन निर्माण पर तेजी लाने की जरूरत है। स्कूल जतन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग के द्वारा जर्जर स्कूल भवनों मे पढ़ रहे बच्चों के लिए नया स्कूल भवन बनाने के लिए लाखों रूपयो की स्वीकृति प्रदान करते हुए ठेकेदारों के द्वारा सही समय पर नया स्कूल भवन बनाकर दिए जाने एग्रीमेंट किया गया है। ताकि स्कूली बच्चों को विद्या अध्ययन करने में कोई तकलीफ और व्यवधान ना आवे लेकिन महीनो,साल गुजर जाने के बाद भी नया स्कूल भवन बनकर तैयार नहीं होने के कारण बच्चों को आज भी झोपडी नुमा सार्वजनिक मकान मे पढा़ई करना पड़ रहा है। राजापड़ाव क्षेत्र के गांव शोभा, मोतीपानी,भूतबेड़ा,भद्रीपारा, गाजीमुडा,मौहानाला, भाँठापानी,नगबेल,लाटापारा, कोदोमाली जहां पर नवीन स्कूल भवन अतिरिक्त कक्ष का निर्माण में देरी होने के कारण इस सत्र में भी मासूम बच्चों को खंडहर, झोपड़ी, पेड़ के नीचे विषैला सांप बिच्छू के साए में रहकर पढ़ने को मजबूर होना पड़ेगा। जिनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी है। ऐसे जिम्मेदारों को संज्ञान लेते हुए महीनो से अधूरा पड़े स्कूल भवनों को पूरा कराने के लिए एक कदम आगे बढ़कर काम करना होगा अन्यथा जैसे हाल वर्षों से है वही हाल में बच्चों को रह कर भारी बारिश में भी पढ़ाई करना होगा अब देखना होगा राजापडा़व क्षेत्र की तस्वीर और दिशा बदलने में कितने जिम्मेदारों का हाथ आगे बढ़ता है। बैठक में मुख्य रूप से जनपद सदस्य फूलचंद मरकाम, सरपंच प्रतिनिधि टीकम मरकाम, उप सरपंच प्रतिनिधि भीखऊ राम नेताम, रविंद्र मरकाम, मेघनाथ मरकाम, कार्तिक राम नेताम,टीकेश नेताम, सुन्दर नेताम,अंगद राम नेताम, राम सिंह नेताम,श्याम लाल नेताम,प्रेम सिंह नेताम,जयहिंद नेताम, सदाराम कुंजाम,हेमलाल नागेश,सुखमन मरकाम,लोकनाथ मरकाम हुलाल मरकाम,धन्नू राम मरकाम,चुन्नू लाल नेताम, ईश्वर मरकाम, शंकर लाल मरकाम सहित सैकड़ो ग्रामीण जन बैठक मे शामिल रहे।

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